बेल के फायदे और नुकसान Benefits of Bael
बेल का हर हिस्सा ही सेहत के लिए के लिए गुणकारी है, बाहर से यह फल (Bael fruit) जितना ही कठोर होता है अंदर से उतना ही मुलायम और गूदेदार होता है। इसके गूदे में मौजूद बीज भी कई बीमारियों के इलाज में फायदा पहुंचाते हैं।
अधिकांश लोगों को बेल के फायदों (Bael Benefits in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी ही नहीं है जबकि आयुर्वेद में इसे महत्वपूर्ण औषधि माना गया है जो पाचन संबंधी कई बीमारियों में फायदेमंद है हिंदू धर्म में इसे एक पवित्र पौधा माना जाता है और पूजा में बेल के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है।
बेलगिरी चूर्ण के फायदे :-
बेल के सेवन का तरीका (How to take bael fruit)
बेल को आप कई तरीकों से खा सकते हैं।
➤ आप इस फल को तोड़कर सीधे खा भी सकते हैं।
➤ कई लोग इसके गूदे को सुखाकर उसका चूर्ण बनाकर सेवन करते हैं
➤ बेल का रस या बेल के शरबत का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है
➤ बेल फल का बाहरी हिस्सा काफी कठोर होता है बाहरी हिस्सा को तोड़ दें और अंदर के लिसलिसे गूदे में से बीज को निकाल कर खाएं या फिर इस गूदे को पानी में भिगोकर रात भर रखें और अगली सुबह में इसे खाएं
बेल में पाए जाने वाले पोषक तत्व और औषधीय गुण
बेल में पोषक तत्व और औषधीय गुणों के साथ साथ एंटीडायबिटिक, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल और हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण मौजूद होते हैं।
बेल के फल और पत्ते (बेल के पत्ते का रस) में विटामिन सी, कैल्शियम, फाइबर, प्रोटीन और आयरन भी अधिक मात्रा में मिलते हैं। इसके अलावा बेल में मौजूद टैनिन और पेक्टिन मुख्य रुप से डायरिया और पेचिश के इलाज में अहम भूमिका निभाते हैं। इन सभी गुणों के कारण ही बेल को औषधीय जड़ी बूटी के रूप में उपयोग किया जाता है।
बेल के फायदे, बेल के औषधीय उपयोग (Bael benefits in hindi)
1. पाचन के लिए –
बेल आंत में कीड़े को नष्ट करने में मदद करता है, और पाचन से संबंधित समस्त विकारों के लिए एक अच्छा उपाय है। इसमें ‘फेरोनो गम’ नामक एक पदार्थ होता है जिसका उपयोग दस्त और पेचिश के इलाज के लिए किया जाता है। पेट के अल्सर या बवासीर वाले लोगों के लिए भी बेल की सिफारिश की जाती है, क्योंकि इसमे मौजूद टनीन सूजन को कम करने के लिए जाना जाता है।
2. पेचिश और डायरिया में बेल फायदे –
पेचिश और डायरिया के इलाज में बेल का सेवन करना सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। अक्सर खाना ठीक से ना पचने के कारण लूज मोशन और डायरिया आदि समस्याएं होने लगती है। ऐसे में बेल का सेवन करने से जल्दी आराम मिलता है और डायरिया 2 से 3 दिनों में ठीक हो जाता है।
3. स्कर्वी रोकता है बेल –
विटामिन सी की कमी के कारण स्कर्वी रोग होता है। इस रोग के कारण मसूड़ों से खून निकलने लगता है और शरीर पर चकत्ते पड़ने लगते हैं। ऐसे में बेल का नियमित सेवन इस समस्या को काफी हद तक ठीक कर सकती है। बेल विटामिन सी का एक समृद्ध स्रोत है बेल में मौजूद विटामिन सी, शरीर में इसकी कमी को दूर करती है।
सेवन विधि : आधा से एक चम्मच बेलगिरी चूर्ण को पानी के साथ मिलाकर खाएं
4. इम्यूनिटी बढानें के लिए –
इसके नियमित सेवन से भयंकर गर्मी में ठंडक का एहसास होता है, साथ ही यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को भी बढ़ाता है. यह शरीर में खून को भी साफ करता है. इसके लिए बेल के शरबत में थोड़ी सी मात्रा में गर्म पानी मिलाकर पीएं.
5. लीवर के लिए फायदेमंद –
लीवर से जुड़ी बीमारियां अक्सर तभी होती हैं जब शरीर में टॉक्सिन या हानिकारक विषैले पदार्थ बढ़ जाते हैं शोध के अनुसार बेल में एंटी-फंगल, एंटी बैक्टीरियल और एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं साथ ही इसमें बीटा-कैरोटीन भी पाया जाता है बीटा-कैरोटीन का अच्छा स्रोत होने के कारण बेल का जूस लीवर को किसी भी तरह के संक्रमण और चोट से बचाने में मदद करते हैं। बेल की पत्तियां लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं।
सेवन विधि– पके ताजे बेल के गूदे को निकालकर रात भर के लिए पानी में भिगोकर रखें और सुबह उसे शर्बत बना करके पिए।
6. हाई बीपी के लिए फायदेमंद –
हाई बीपी के मरीजों के लिए यह बहुत ही फायदेमंद है. ये शरबत कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी घटाता है, क्योंकि इसमें लिपिड प्रोफाइल और ट्राइग्लिसेराइ को कंट्रोल करने की क्षमता होती हैं.
7. लू से बचाव के लिए फायदेमंद –
बेल का शरबत शरीर को ठंडक पहुंचाती है और शरीर को लू से बचाती है। गर्मियों के दिनों में लू लग जाना एक आम समस्या है। बड़ों से लेकर छोटे बच्चों तक कोई भी गर्मियों के दिनों में लू की चपेट में आ सकता है। इसलिए लू से बचाव के तरीकों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। बेल के सेवन से गर्मियों में डिहाइड्रेशन के कारण होने वाली तमाम समस्याएं भी खत्म हो जाती हैं. इससे शरीर में पानी की कमी पूरी होती है और लू से बचाव होता है.
सेवन विधि – आधा गिलास पानी में दो चम्मच बेल के गूदे को मिलाकर बेल का जूस (bael juice) बनाएं और इस जूस का दिन में एक से दो बार सेवन करें
8. डायबिटीज के लिए फायदेमंद
बेल में लैक्सेटिव्स और फेरोनिया गम होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने में मदद कर सकता है. लेकिन उन्हें इसके शरबत में चीनी के इस्तेमाल से बचना चाहिए. डायबिटीज के मरीज शरबत की बजाय सीधे बेल का सेवन भी कर सकते हैं. इसके लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है
9. श्वसन समस्याओं के लिए
बेल पेड़ के पत्ते एक कफोत्सारक के रूप में कार्य करने के कारण, लोगों को आवर्ती जुकाम या चिरकाली और संबंधित श्वसन की स्थिति से बचने में सहायता करते हैं। यह गले में खराश, इन्फ्लूएंजा, ब्रोंकाइटिस, और अस्थमा का इलाज करने में भी सहायता करता है।
10. वजन घटाने में सहायक
बेल का शरबत पीने से शरीर का वजन कंट्रोल होता है, क्योंकि बेल में फाइबर काफी मात्रा में होता है. इसे पीने के बाद आपका पेट काफी देर तक भरा रहता है. यदि आपको एसिडिटी या कब्ज की समस्या है, पेट में भारीपन रहता है तो आपको इसका सेवन जरूर करना चाहिए.
11. त्वचा के लिए
बेल त्वचा की चकत्ते, त्वचीलागो (त्वचा पर सफेद पैच), लालिमा, खुजली आदि त्वचा की समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है। बेल का रस और तेज पत्ते का रस दिन में दो बार पीने से पित्ती का इलाज करने में सहायता मिलती है।
12. मुंह के छालों से बचाव
बेल के नियमित सेवन करने से मुंह के छाले तो खत्म होते ही हैं, साथ ही साथ गर्मी के कारण शरीर में होने वाली घमोरियों से भी निजात पाया जा सकता है
बेल के नुकसान (bael side effects in hindi)
बेल के दुष्प्रभाव – Bel Khane Ke Nuksan in Hindi
बेल से औषधीय लाभ होने के साथ साथ बेल खाने में कुछ सावधानी बरतने की आवश्यकता भी होती है बेल फल के फायदे (Bel ke fayde) बहुत ज्यादा हैं और सीधे तौर पर इससे कोई ख़ास नुकसान नहीं होते हैं लेकिन अगर आप ज़रुरत से ज्यादा मात्रा में इसका क्योंकि इससे कुछ नुकसान और दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
1. बेल को अत्यधिक खाने से पेट में दर्द, सूजन, पेट फूलना, और अन्य पाचन विकार हो सकते हैं
2. कब्ज़ की समस्या में न खाएं बेल मल को सख्त बनाती है। अगर मल के कठोर होने के कारण आपको कब्ज़ की समस्या है तो ऐसे में बेल (Bael) के सेवन से परहेज करना चाहिए इस वजह से आपकी कब्ज़ की समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है।
3. थायराइड के रोगी करें परहेज कुछ एक मामलों में ऐसा देखा गया है कि बेल, के सेवन से थायराइड हार्मोन पर और थायराइड की दवाइयों के प्रभाव पर असर डालती है। इसलिए थायराइड के मरीजों को बेल का सेवन(Bael in hindi) करने से परहेज करना चाहिए या फिर चिकित्सक की सलाह के अनुसार इसका सेवन कर सकते है।
4. गैस्ट्रिक के रोगी करें परहेज बेल गैस्ट्रिक परेशानी से पीड़ित लोगों को नहीं खाना चाहिए
5. डायबिटीज के रोगी करें परहेज- यदि आप डायबिटीज के मरीज हैं तो बाज़ार में मिलने वाले बेल का शरबत का सेवन ना करे क्यों कि उस शरबत में मौजूद शुगर की अधिक मात्रा आपके सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है। बेल खुद भी एक मीठा फल है और इसका शरबत बनाने में लोग अक्सर थोड़ी मात्रा में चीनी मिला देते हैं। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को बेल के शरबत से परहेज करना चाहिए या चिकित्सक की सलाह के अनुसार इसका सेवन करें।
6.गर्भवती महिलाओं को बेल के जूस को पीने से बचना चाहिए
आप इस लेख में बेल के फायदे और नुकसान के बारे में जान चुके चुके हैं। बेल का सेवन गर्मियों के मौसम में करें और स्वस्थ रहें।यदि बेल के सेवन के दौरान कोई समस्या होती है तो नजदीकी योग्य डॉक्टर से संपर्क करें।
जरूरी सूचना- हमारी वेबसाइट स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारी प्रदान करती है परंतु ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। आप अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई भी निर्णय लेने से पहले आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
धन्यवाद
अशोक तिवारी