मलेरिया के लक्षण कारण व घरेलू उपचार
मलेरिया बुखार एक प्रकार के मच्छर द्वारा काटने के कारण होता है। तथा एक प्रकार की संक्रामक बीमारी है जोकि मादा मच्छर एनाफिलीज के काटने से फैलती है। आयुर्वेद के अनुसार मलेरिया रोग का कारण गलत खानपान और दोषपूर्ण जीवनशैली के कारण शरीर में विकारों का रुक जाना भी माना जाता है शरीर जब इन विकारों को सामान्य तरीकों से नहीं निकाल पाता तो बुखार और पसीने के द्वारा इन्हें बाहर निकालता है।
आजकल डॉक्टरों द्वारा मलेरिया के लक्षण मिलने पर रोगी के खून की जांच करके या स्पष्ट रूप से पता लगा लिया जाता है कि रोगी को आने वाला बुखार मलेरिया है या किसी अन्य प्रकार का बुखार है इसके बुखार के लिए रोगी को इलाज के लिए कुनैन की विशेष गोलियां दी जाती है ।सरकारी अस्पतालों में मलेरिया की चिकित्सा पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
मलेरिया के लक्षण :-
मलेरिया के लक्षण निम्न प्रकार हैं-
1- सिर दर्द- मलेरिया की शिकायत होने पर सिर में तेज दर्द होता है।
2- बुखार- मलेरिया की शिकायत होने पर तेज बुखार आता है और अचानक से ठंड लगता है।
3- कमजोरी और थकान- शरीर में अत्यधिक कमजोरी और थकान महसूस होता है।
4- जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द- मलेरिया की शिकायत होने पर हड्डियों के जोड़ और मांसपेशियों में दर्द होना चालू कर देती है।
5- जी मिचलाना या उल्टी की शिकायत- मलेरिया की गंभीर मामलों में जी मिचलाना और उल्टी की शिकायत भी हो सकती है।
6- पसीना आना- मलेरिया की शिकायत होने पर बुखार आने के बाद अधिक पसीना आता है।
7- एनीमिया (खून की कमी)- मलेरिया ज्यादा दिन तक बने रहने से एनीमिया की शिकायत हो सकती है जिससे त्वचा का रंग पीला हो जाता है।
इसके साथ-साथ मलेरिया के लक्षण और भी हैं इस रोग में रोगी को जाड़ा लगने के साथ तेज बुखार चढ़ता है सिर में दर्द होता है शरीर में कपकपी होती है मलेरिया बुखार प्रतिदिन अथवा हर तीसरे चौथे दिन भी आ सकता है।
मलेरिया बुखार के घरेलू उपचार-
(1) मलेरिया में दालचीनी के प्रयोग- एक चम्मच दालचीनी का चूर्ण को ढाई सौ ग्राम पानी में वाले इसके हल्का गर्म रह जाने पर एक चुटकी काली मिर्च और एक छोटा चम्मच शहद मिलाकर रोगी को पिलाएं इसे दिन में दो बार पिला सकते हैं।
(2) तुलसी का करें इस्तेमाल- तुलसी में एंटी माइक्रो बैक्टीरिया गुण होते हैं जो मलेरिया के संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं इसके सेवन में आप तुलसी की पत्तियों को चबाकर के खायें और इसकी पत्तियों को उबालकर चाय बनाकर पीने से लाभकारी हो सकता है।
(3) शहद और काली मिर्च- काली मिर्च को बारीक पीसकर शहद के साथ खाने से मलेरिया बुखार के लक्षणों से आराम मिलता है।
(4) तुलसी- तुलसी में एंटी माइक्रो बैक्टीरिया गुण होते हैं जो मलेरिया के संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं इसके सेवन में आप तुलसी की पत्तियों को चबाकर के खायें और इसकी पत्तियों को उबालकर चाय बनाकर पीने से लाभकारी हो सकता है।
और पढ़े- तुलसी के फायदे
(5) अजवाइन- अजवाइन का पानी अजवाइन में एंटी मलेरियल गुण होते हैं और इसका सेवन करने से मलेरिया के बुखार को कम किया जा सकता है।
(6) शहद और काली मिर्च- काली मिर्च को बारीक पीसकर शहद के साथ खाने से मलेरिया बुखार के लक्षणों से आराम मिलता है।
और पढ़े- काली मिर्च के फायदे
(7) 60 मिलीलीटर पानी में 2 ग्राम चूना भली प्रकार घोलकर उसे स्वच्छ और बारीक कपड़े से छान लें तथा अच्छी क्वालिटी के नींबू का रस निकालकर मिला लें इस मिश्रण का दो खुराक बनाएं और रोगी को सुबह-शाम भोजन के बाद दें।
बार बार आने वाले मलेरिया बुखार में 250 मिलीलीटर गर्म पानी में 15 ग्राम चिरायता का रस मिलाएं पानी गर्म करते समय उसमें दो लौन्ग और एक चम्मच भर दालचीनी डाल दें पानी उबल जाने के बाद 20 मिलीलीटर की मात्रा में रोगी को दिन में दो बार दें
तेज बुखार होने की दशा में रोगी को ठंडे पानी की पट्टी से पूरे शरीर पर बार-बार पोंछे या लौकी के गोल कटे हुए टुकड़े से हथेलियों और तलवों को मले।
मरीज को खाने के लिए चीकू संतरा आलूबुखारा, चकोतरा, अंगूर, मोसम्मी, अनार, पुदीना, प्याज,आदि देने चाहिए।
दोस्तों मुझे उम्मीद है की आप मलेरिया के लक्षण कारण व घरेलू उपचार के बारे में जान गये होंगें मलेरिया के लक्षण को पहचान कर तत्काल
इलाज करें यदि समस्या गंभीर हो तो योग्य चिकित्सक से परामर्श लें।
जरूरी सूचना: हमारी वेबसाइट स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारी प्रदान करती है परंतु मलेरिया के लक्षण कारण व घरेलू उपचार ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। आप अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई भी निर्णय लेने से पहले आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
धन्यवाद।