गैस और बदहजमी के उपाय, आसान घरेलू नुस्खे और सुझाव
बदहजमी से परिचय
हमारे शरीर में अधिकांश रोगों की जड़ हमारा पेट या आमाशय होता है। जिसे कुछ लोग मेदा भी कहते हैं। जो कुछ भी खाया जाता है वह आहार नलिका से होता हुआ यहीं पहुंचता है। आमाशय में ही हमारा भोजन सबसे पहले पचता है। और आमाशय में पाचक पित्त नामक रस भोजन को पचाने में मदद करता है इस लेख में हम आपको गैस और बदहजमी के उपाय लक्षण कारण और परहेज तथा इसको दूर करने के लिए देसी घरेलू उपचार के बारे में जानकारी देंगे।
पाचक पित्त रस में ही जठराग्नि, होती है अर्थात जठराग्नि पेट की वह अग्नि होती है जो भोजन को पचाती है। इसके अलावा समान वायु, नमी, क्लैदक कफ इन सभी को उचित मात्रा में मिलकर भोजन को पचाती है। पाचन की इस क्रिया के बगैर शरीर का अधिक दिनों तक जीवित रहना असम्भव है। और यही नहीं यदि भोजन आमाशय में भली प्रकार से नहीं पच पाता है तो उससे अनेक प्रकार के रोग जन्म लेते हैं। जैसे बदहजमी (अपच) या भूख का मरना या भूख कम हो जाना आदि की समस्या पैदा होने लगती है l
बदहजमी (अपच) होने के लक्षण –
बदहजमी (अपच) होने के लक्षण इस प्रकार हैं –
- मानसिक विकार
- भूख न लगना
- सिर दर्द
- खट्टी डकारें
- घबराहट
- अरुचि व ग्लानि
- बेचैनी
- कमर में जकड़न, इस प्रकार के रोग के प्रमुख लक्षण हैं।
बदहजमी अपच होने के कारण –
बदहजमी अपच होने के कारण इस प्रकार है –
- अत्यधिक मात्रा में भोजन करना,
- भोजन को ठीक से नहीं चबाना,
- भोजन बहुत कम करना, या अनुचित समय पर करना।
- अधिक मात्रा में पानी पीना,
- भोजन के साथ ज्यादा पानी पीना या बिल्कुल नहीं पीना,
- भोजन से पहले पानी पीना,
- पानी की प्यास होने पर केवल भोजन कर लेना।
- मल-मूत्र के वेगों को रोकना,
- दिन में अधिक निद्रा लेना और रात्रि में अधिक गरिष्ठ भोजन करना।
इसके साथ साथ अन्य कई कारण हो सकते हैं जैसे बहुत अधिक शोक, भय, क्रोध, चिन्ता, ईर्ष्या, क्लेश आदि हानिकारक मनोवेगों के कारण भी ये रोग हो सकते हैं। इतना ही नहीं जरूरत से ज्यादा खुशी भी भूख को खत्म कर सकती है।कुछ आदतें जैसे चाय, पान, तंबाकू, गुटखा, शराब तथा अन्य नशों का सेवन करने से पाचन क्रिया को हानि पहुंचाता है और बदहजमी या अपच होने के कारण बन सकतीं हैं।
गैस और बदहजमी के उपाय, (अपच) होने पर घरेलू उपचार – यदि आप अपाच की समस्या से परेशान है तो नीचे लिखे देसी घरेलू उपचार को आजमा सकते हैं जो आपको शर्तिया फायदा दिलायेगा
बदहजमी (अपच) होने पर करें अदरक और नीबू का इस्तेमाल
अदरक 5 ग्राम से लेकर उसे बारीक कतर लीजिए। इसमें आधा नीबू का रस और अपने स्वाद के अनुसार नमक को मिलाकर भोजन के समय से ४० मिनट पूर्व खाइए। इसे दिन में एक बार दस दिन तक लगातार सेवन करने से भूख की कमी, अरुचि, और अपच की शिकायतें जल्दी ही दूर हो जायेगी और इससे कफ, वायु, कब्ज और आमवात के कारण होने वाले सभी रोग भी दूर होते हैं।
अजवायन से भी होगी बदहजमी (अपच) दूर
अजवायन को हल्का भून करके चूर्ण बना लें, और अब उसमें स्वाद के अनुसार साधारण नमक मिलाकर एक शीशी में भली प्रकार बंद करके रखें। इस चूर्ण को भोजन करने के बाद एक माशा रोज दस दिन तक लें। ध्यान रहे पहले दिन इस चूर्ण को केवल एक बार लें। अगर उससे आराम मिल जाए तो ठीक वरना भोजन के बाद दोनों समय लें शर्तिया आराम मिलेगा। बदहजमी (अपच) के साथ-साथ खट्टी डकारें की समस्या अक्सर पाई जाती है।यदि आपको खट्टी डकारों की समस्या है तो देसी दवा के रूप में निम्नलिखित घरेलू उपचार को अपना करके निजात पा सकते हैं
खट्टी डकारों के लिए देसी दवा घरेलू उपचार
१. खट्टी डकारें आने पर नीबू काटें और उसे गोदकर उसमें काली मिर्च का चूर्ण मात्रा (आधा चाय का चम्मचभर) तथा नमक स्वाद के अनुसार भर दें, और अब उस नीबू को आग पर इतना गर्म करें कि वह जरा-सा खदकने लगे। उसे तत्काल आग पर से उठा लें और सहने लायक गर्म रह जाने पर उसे चूसें इससे खट्टी डकारें आना बंद हो जाएँगी।२. खट्टी डकारें आने पर भोजन करने के बाद 8 से 10 पकी जामुन खाने से खट्टी डकार में आराम मिलता है।३. भोजन के बाद आधा चाय का चम्मच भर गन्ने का प्राकृतिक रीति से बनाया गया सिरका, आधा गिलास शुद्ध जल में मिलाकर पीना लाभदायक सिद्ध हो सकता है।४. पपीता खाने से अपच तथा खट्टी डकारों में आराम मिलता है।
बदहजमी या अपच में परहेज –बदहजमी या अपच में नीचे लिखे खाद्य चीजो का परहेज करें –
- तली हुई चीजें,
- ज्यादा मिर्च मसाले,
- गरिष्ठ भोजन
- कृत्रिम कोल्ड ड्रिंक्स,
नशे आदि का सेवन नहीं करें। और हमेशा हल्का खाना खाए।
जरूरी सूचना: हमारी वेबसाइट स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारी प्रदान करती है परंतु ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। आप अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई भी निर्णय लेने से पहले आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
धन्यवाद
अशोक तिवारी