Santulit Aahar kise Kahate Hain संतुलित आहार किसे कहते हैं जाने इसके 6 तत्व परिभाषा और लाभ

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संतुलित आहार किसे कहते हैं जाने इसके परिभाषा और लाभ

संतुलित आहार की परिभाषा-

संतुलित आहार (santulit aahar) से हमारा तात्पर्य उस भोजन से है जिसे खाने से सामान्य स्वास्थ्य बना रहे। स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए हमारे शरीर को अनेक तत्वों अर्थात प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा की आवश्यकता होती है इन सभी का भोजन में होना ही संतुलित भोजन कहलाता है। तो चलो हम आपको इस लेख में संतुलित आहार किसे कहते हैं santulit aahar kise kahate hain आज हम आपको इसके परिभाषा और लाभ के बारे में जानकारी देंगेl

Santulit Aahar kise Kahate Hain संतुलित आहार किसे कहते हैं जाने इसके 6 तत्व परिभाषा और लाभ

संतुलित आहार की आवश्यकता (balanced diet in hindi)

किसी भी जीव अथवा प्राणी के लिए भूख सबसे महत्वपूर्ण सहजवृत्ति है। प्रत्येक प्राणी को भूख शान्त करने के लिए संतुलित आहार चाहिए, और इसके बिना वह जीवित नहीं रह सकता है। आहार से भूख शान्त होती है तथा तृप्ति एवं शक्ति प्राप्ति की अनुभूति होती है। आहार की शरीर में सक्रियता ही पोषक कहलाती है।

संतुलित आहार (santulit aahar) के अनेक प्रकार के कार्य हैं। कुछ आहार द्रव्य एक ही कार्य करते हैं, और कुछ आहार द्रव्य अनेक कार्य करते हैं। जो इस प्रकार से है-

1. शरीर पोषक- कुछ आहार द्रव्य जिससे क्षति की पूर्ति हो सके तथा स्वास्थ्य स्थिर रहे इसके लिए कार्य करते हैं। इसके लिए जल, प्रोटीन तथा लवण इसके मुख्य पोषक तत्व हैं।

2. शक्तिदायक- कुछ आहार द्रव्य शरीर का विकास उसकी उष्मा तथा कार्य करने की आवश्यक शक्ति प्राप्त हो, इसके लिए कार्य करते हैं इसके लिए वसा तथा कार्बोज आवश्यक होते हैं।

कुछ लोग यह भी जानना चाहते होंगे की संतुलित आहार किसे कहते हैं santulit aahar kise kahate hain ? संतुलित आहार क्या है aahar kya hai और कौन सा आहार संतुलित आहार माना जाता है

तो हम जानते हैं कि संतुलित आहार santulit aahar किसे कहते हैं जो भी भोजन हम ग्रहण करते हैं, उससे हमें कुछ पौष्टिक तत्व प्राप्त होते हैं। वास्तव में इन पौष्टिक तत्वों का ही महत्व होता है। आहार के विषय में व्यापक अध्ययनों द्वारा ज्ञात हुआ है कि हमारे आहार में छः तत्वों का होना आवश्यक होता है। इन छः तत्वों से ही सन्तुलित आहार का संगठन बनता है। कुछ लोग यह भी जानना चाहते हैं कि सन्तुलित आहार के आवश्यक तत्व कौन से हैं (santulit aahar kya hai) संतुलित भोजन किसे कहते हैं इन आहार के छः तत्वों का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार से है-

सन्तुलित आहार के आवश्यक तत्व-

 

1. प्रोटीन

2. वसा 

3. कार्बोहाइड्रेट 

4. विटामिन 

5. खनिज लवण

6. जल 

1. प्रोटीन- 

प्रोटीन शरीर के विकास के लिए नितान्त आवश्यक होता है। इसकी कमी से शरीर की वृद्धि रुक जाती है। स्वस्थ व्यक्ति को एक ग्राम, प्रति किलोग्राम भार के अनुसार प्रतिदिन प्रोटीन लेना चाहिए।

Santulit Aahar kise Kahate Hain संतुलित आहार किसे कहते हैं जाने इसके 6 तत्व परिभाषा और लाभ

स्रोत- दूध, पनीर, मांस, मछली, अण्डा, दही, दाल, मटर, लोबिया, सेम, गाजर, शलजम एवं हरी सब्जियां ।

कार्य- प्रोटीन का मुख्य कार्य शरीर के पदार्थों का निर्माण करना है। मांसपेशियां इसी से बनती हैं और टूटे-फूटे अंगों की मरम्मत के लिए भी प्रोटीन की आवश्यकता होती है। प्रोटीन की कमी से शरीर विकास की गति अवरुद्ध हो जाती है।

2. बसा-

हमारे शरीर को संतुलित आहार santulit aahar के लिए वसा ऊर्जा का उत्तम स्रोत है और यह ऊर्जा कार्य करने की क्षमता प्रदान करती है। एक ग्राम वसा में 9 कैलोरी प्राप्त होती है।

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स्रोत- यह घी, दूध, मक्खन, सरसों का तेल, तिल का तेल, बादाम, मांस तथा अण्डे आदि में प्रचुर मात्रा में पाई जाती है।

कार्य- वसा द्वारा कुछ आवश्यक अम्ल भी प्राप्त होते हैं जो शरीर के विकास में सहायक होते हैं एवं त्वचा की रक्षा करते हैं।

3. कार्बोहाइड्रेट-

संतुलित आहार santulit aahar के लिए हमारे शरीर को कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता पडती है ये कार्बन, हाइड्रोजन व ऑक्सीजन से मिलकर बनते हैं। मुख्य कार्बोहाइड्रेट शर्करा एवं स्टार्च है।

स्रोत- इसकी उत्पत्ति मुख्यतः वनस्पतियों से मानी जाती है। यह गेहूं ज्वार, साबुदाना, आलू, काजू, अमरूद, केला, किशमिश, गुड़, चीनी तथा अन्य मीठी वस्तुओं एवं खाद्य पदार्थों में पाया जाता है।

Santulit Aahar kise Kahate Hain संतुलित आहार किसे कहते हैं जाने इसके 6 तत्व परिभाषा और लाभ

कार्य- कार्बोज जन्तुओं में यकृत में ग्लाइकोजन के रूप में संचित होता है। यकृत रुधिर में आने वाली आवश्यकताओं से अधिक शर्करा को ग्लाइकोजन में बदलकर अपने अन्दर संग्रहीत कर लेता है और जब शर्करा की मात्रा कम होती है तो यकृत ग्लाइकोजन को पुनः शर्करा में बदलकर रुधिर को देता है।

कार्बोहाइड्रेट का मुख्य कार्य शरीर के अन्दर गर्मी और शक्ति उत्पन्न करना है।

4. विटामिन- 

संतुलित आहार santulit aahar में विटामिन भी हमारे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं, परन्तु इनकी केवल न्यून मात्रा ही काफी होती है। सन् 1911 ई. में डॉ. कैसीमीर फल्क ने कुछ भोज्य पदार्थों में ऐसे तत्व की उपस्थिति पाई जो शरीर की सामान्य वृद्धि व क्रियाओं के लिए तथा रोगों को रोकने के लिए आवश्यक है। बाद में वैज्ञानिक खोजों से इसका नाम विटामिन हो गया। 

विटामिन कार्बोहाइड्रेट पदार्थ हैं। ये कार्बन, ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन से मिलकर बनते हैं। प्रमुख विटामिन निम्नलिखित हैं-

विटामिन ए- 

यह शरीर के विकास में सहायक है एवं विभिन्न कीटाणुओं द्वारा फैलने वाले रोगों से बचने की क्षमता प्रदान करता है। इसके अभाव में मन्दाग्नि, त्वचा की शुष्कता, शक्ति की कमी एवं रतौंधी आदि रोग हो जाते हैं। स्रोत-सब्जियों में पालक, गाजर, टमाटर, मटर तथा फलों में केला, आम, पपीता, अनन्नास, खजूर आदि विटामिन-ए से पूर्ण हैं।

विटामिन बी- 

शरीर को स्वस्थ एवं निरोग रखने के लिए विटामिन-बी का काफी बड़ा सहयोग होता है। इसके अभाव में बेरी-बेरी रोग, शरीर में निर्बलता, आंतों में गड़बड़ी, धड़कन जैसे रोग हो जाते हैं।

स्रोत- यह हरी सब्जियां, गेहूं की चोकर, फल, मेवों एवं दूध, में बहुतायत से पाया जाता है।

विटामिन सी- 

विटामिन सी रक्त नलिकाओं को सुचारू रूप से कार्य करने में सहायता देता है। इसके अभाव से खून निकलते लगता है। और चोट लगने पर अधिक देर तक रक्तस्राव होता है और इसकी कमी से स्कर्वी रोग होता है।

स्रोत- इसके अभाव की पूर्ति के लिए सन्तरा, पालक नीबू, एवं टमाटर अधिक खाने चाहिए।

विटामिन डी-

यह कैल्शियम एवं फास्फोरस जैसे खनिजों की क्रिया विधि के लिए आवश्यक है। इसकी न्यूनता से कब्ज रहता है तथा रिकेट नामक रोग हो जाता है, जिसे सूखा रोग भी कहते हैं।

स्रोत- यह मक्खन, अण्डा, दूध, घी से प्राप्त होता है। यह विटामिन सूर्य की किरणों से भी मिलता है।

विटामिन ई- 

यह प्रजनन अंगों की वृद्धि के लिए आवश्यक है। इसकी कमी से स्त्रियों में गर्भावस्था में गड़बड़ी, बन्ध्यत्व एवं मानसिक शक्ति की कमी आ जाती है।

स्रोत- यह गेहूं, दूध, अण्डा, मांस में बहुतायत में पाया जाता है।

विटामिन के कार्य-

  • रक्त के शीघ्र जमने में सहायता करता है।
  • रोगों से रक्षा करना व रोग दूर करना।
  • बौद्धिक एवं मानसिक विकास को बनाए रखना।
  • जीवन की आवश्यक क्रिया में सहायता करता है।

5. खनिज लवण-

संतुलित आहार (santulit aahar) के लिए हमारे शरीर को खनिज लवण की भी आवश्यकता पड़ती है जिसके लिए कैल्शियम, फास्फोरस, सोडियम, मैग्निशियम, पोटेशियम, लोहा, आयोडीन आदि खनिज लवण हैं। ये भोजन को स्वादिष्ट बनाने के अतिरिक्त शरीर की शक्ति को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं।

कैल्शियम व फास्फोरस के लवण– दांतों एवं अस्थियों को बनाने में योग देते हैं।

लोहे और सोडियम के लवण- रुधिर संरचना में सहायक हैं। आधे लीटर दूध में से 113 मिली ग्राम कैल्शियम प्राप्त होता है।

स्रोत- कैल्शियम, गाजर, दूध, शलजम, फूलगोभी, पीली व हरी सब्जी में।

फास्फोरस- दूध, गेहूं, और मेवे में।

आयोडीन- जल से प्राप्त होता है और वृद्धि के लिए आवश्यक है।

लोहा- हरी सब्जियों, चावल, आंवले, अंडों, केला, अमरूद में होता है।

6. जल- 

जीवन रक्षा हेतु जल नितान्त आवश्यक है। यह पेशाब, पसीना निकलने में सहायता करता है। मनुष्य के शरीर में लगभग दो तिहाई भाग में जल होता है।

जरूरी सूचना: हमारी वेबसाइट स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारी प्रदान करती है परंतु संतुलित आहार किसे कहते हैं (aahar kise kahate hain) ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। आप अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई भी निर्णय लेने से पहले आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।

धन्यवाद

अशोक तिवारी

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