रतौंधी रोग , रतौंधी के कारण व लक्षण और घरेलू उपचार Night blindness, causes and symptoms of night blindness and home remedies
रतौंधी के कारण व लक्षण और घरेलू उपचार
रोग की बीमारी में रोगी की आँखों की जाँच के दौरान पता चलता है कि आँखों का कॉर्निया (कनीनिका) सूख-सा गया है और आई बॉल (नेत्र गोलक) धुँधला व मटमैला सा दिखाई देता है। उपतारा महीन छिद्रों से युक्त दिखता है तथा कॉर्निया के पीछे तिकोनी सी आकृति नजर आती है। और आँखों से सफेद रंग का स्त्राव होता है। जो लोग पौष्टिक आहार नहीं लेते हैं उन्हें रतौंधी का रोग होने की सम्भावना ज्यादा होती है|
आधुनिक परिवेश में युवा वर्ग में शारीरिक सौंदर्य आकर्षण को विकसित करने पर अधिक ध्यान देते हैं। ऐसे में वे शरीर के विभिन्न अंगों के स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाते। और ऐसे में नेत्रों को बहुत हानि पहुंचती है अधिकांश युवक-युवतियां रतौंधी रोग से पीड़ित होते हैं।
रतौंधी रोग में रात्रि होने पर रोगी को स्पष्ट दिखाई नहीं देता। यदि इस रोग की शीघ्र चिकित्सा न कराई जाए तो रोगी नेत्रहीन हो सकता है। रतौंधी एक ऐसी बीमारी है जिसे घरेलू उपचार करके इसे पूर्ण रूप से ठीक किया जा सकता है
रतौंधी की पहचान :-
रतौंधी होने के कारण रोगी को रात में साफ-साफ दिखाई नहीं देता| और दूर तथा नजदीक की भी वस्तुएं उसे पहचानने में भी कठिनाई महसूस होती है
रतौंधी को दूर करने के घरेलु उपचार
रतौंधी को दूर करने के 20 प्रमुख घरेलु उपचार इस प्रकार हैं :-
१. रतौंधी रोग को दूर करने में मददगार है अनार
आंखों में अनार का रस डालने से रतौंधी का रोग जाता रहता है|
२. रतौंधी रोग को दूर करने में मददगार है हरड़
रात को दो हरड़ साफ पानी में भिगो दें| फिर इस पानी को सुबह के समय आंखें धोएं|
३. रतौंधी रोग को दूर करने में मददगार है अश्वगंधा
अश्वगंध चूर्ण 3 ग्राम, आंवले का रस 10 ग्राम और मुलहठी का चूर्ण 3 ग्राम मिलाकर जल के साथ सेवन करें।
४. रतौंधी रोग को दूर करने में मददगार है घी
आंखों में शुद्ध देशी घी की सलाई कुछ दिनों तक लगाने से रतौंधी खत्म हो जाती है|
५. रतौंधी रोग को दूर करने में मददगार है सेव
प्रात:काल एक सेव नित्य चबा-चबाकर खाने से काफी आराम मिलता है
६. रतौंधी रोग को दूर करने में मददगार है शहद
आंखों में सुबह-शाम शुद्ध शहद की सलाई लगाएं
७. रतौंधी रोग को दूर करने में मददगार है टमाटर
प्रतिदिन टमाटर खाने व रस पीने से रतौंधी का निवारण होता है।
८. रतौंधी रोग को दूर करने में मददगार है पानी, सिरका और शहद
पानी में थोड़ा-सा सिरका तथा शहद मिलाकर कुछ दिनों तक रोज पीने से रतौंधी खत्म हो जाती है
९. रतौंधी रोग को दूर करने में मददगार है पके हुए आम
मीठे आम खाने से विटामिन ‘ए’ की कमी पूरी होती है। इससे रतौंधी नष्ट होती है।
१०. रतौंधी रोग को दूर करने में मददगार है आंवला
रतौंधी होने की स्थिति में प्रतिदिन एक आवले का सेवन करें। गाजर रतौंधी के रोगियों के लिए गाजर अचूक औषधि है। अत: इसका नियमित सेवन करना चाहिए। यदि संभव हो सके तो सुबह-शाम एक-एक गिलास गाजर का रस जरूर पीएं। इससे रतौंधी में काफी फायदा पहुंचेगा।
११. रतौंधी रोग को दूर करने में मददगार है सौंफ और बूरा
रात के समय सौंफ तथा बूरा 20 ग्राम की मात्रा में कुछ दिनों तक नित्य सेवन करें
१२. रतौंधी रोग को दूर करने में मददगार है घी और कालीमिर्च
देशी घी में एक रत्ती कालीमिर्च का महीन चूर्ण मिलाकर आंखों में सलाई से लगाएं
१३. रतौंधी रोग को दूर करने में मददगार है बेलपत्र
बेलपत्र के रस को पीने से तथा बेलपत्र के रस मिश्रित पानी से पुतलियों को धोते रहने से कुछ ही दिनों में चमत्कारी असर देखने को मिलता है । बेल की सात कोंपलें और काली मिर्च के सात दाने पीसकर दो चम्मच पिसी हुई मिश्री में मिलाकर सुबह नाश्ते से पहले चटनी की तरह खाएं। यह प्रयोग सर्दियों के मौसम में करें। जबकि गर्मियों में इस चटनी का शरबत बनाकर पिया जा सकता है अगर वायु व कफ की शिकायत हो तो इसमें एक चम्मच शहद भी मिला लें। इस प्रयोग से रतौंधी में काफी लाभ होता है
१४. रतौंधी रोग को दूर करने में मददगार है बथुआ और सेंधा नमक
बथुए का रस बूंद-बूंदकर आंखों में डालें तथा सेंधा नमक मिलाकर एक कप की मात्रा में पिलाएं
१५. रतौंधी रोग को दूर करने में मददगार है काली मिर्च
प्रतिदिन काली मिर्च का चूर्ण घी या मक्खन के साथ मिसरी मिलाकर सेवन करने से रतौंधी नष्ट होती है
और पढ़े काली मिर्च के फायदे नुकसान
१६. रतौंधी रोग को दूर करने में मददगार है सिरस
सिरस के पत्तों का रस तीन-चार बूंद की मात्रा में नित्य आंखों में डालें।
१७. रतौंधी रोग को दूर करने में मददगार है पान
आंखों में पान के पत्ते का रस डालने से रतौंधी का रोग जाता रहता है।
१८. रतौंधी रोग को दूर करने में मददगार है गुलाबजल और फिटकिरी
गुलाब जल में फिटकिरी घोलकर आंखों में बूंद-बूंद डालें।
१९. रतौंधी रोग को दूर करने में मददगार है दूब
दूब घास को पीसकर आंखों की पलकों पर लेप लगाना चाहिए।
२०. रतौंधी रोग को दूर करने में मददगार है केला
केले के पत्तों का रस आंखों पर लगाने से रतौंधी दूर हो जाती है।
नवयुवक तथा किशोर को रतौंधी से सुरक्षित रखने के लिए उन्हें भोजन में हरे पत्ते वाले साग पालक, मेथी, बथुआ, चौलाई आदि की सब्जी बनाकर सेवन करें। गाजर, मूली ,हरी धनिया ,खीरा, पालक, मेथी, बथुआ, आम, सेब, पपीता, व पत्ता गोभी ,पोदीना का सेवन करना चाहिए।सुबह सूर्योदय से पहले किसी पार्क में जाकर नंगे पांव घास पर घूमने से रतौंधी नष्ट होती है।
रतौंधी के बीमारी में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए :-
रतौंधी के बीमारी में परहेज
1) चाइनीज व फास्ट फूड का सेवन न करें। उष्ण मिर्च-मसाले व अम्लीय रसों से बने खाद्य पदार्थो का सेवन से अधिक हानि पहुंचती है।
2) अधिक उष्ण जल से स्नान न करें।
3) आइसक्रीम, पेस्ट्री, चॉकलेट नेत्रो को हानि पहुंचाते है।
4) अधिक समय तक टेलीविजन न देखा करें।
5) रतौंधी के रोगी को धूल-मिट्टी और वाहनों के धुएं से सुरक्षित रहना चाहिए।
6) रसोईघर में गैंस के धुएं को निष्कासन करने का पूरा प्रबंध रखना चाहिए।
7) खट्टे आम, इमली, अचार का सेवन न करे
नोट :- इलाज के किसी भी तरीके से पहले, पाठक को अपने चिकित्सक से उचित परामर्श के बाद घरेलू नुस्खे का प्रयोग करें
धन्यवाद
अशोक तिवारी